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भारतवर्ष के संस्कृत विश्वविद्यालय*🌹

*भारतवर्ष के संस्कृत विश्वविद्यालय* क्रम संख्या- स्थापना वर्ष- नाम- स्थान १- १७९१ सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी २- १९६१ कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा ३- १९६२ राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ, तिरुपति तिरुपति ४- १९६२ श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ नयी दिल्ली ५- १९७० राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, नई दिल्ली नयी दिल्ली ६- १९८१ श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी ७- १९९३ श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय कालडी ८- १९९७ कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक ९- २००१ जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर १०- २००५ श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय वेरावल ११- २००५ उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार १२- २००६ श्री वेंकटेश्वर वैदिक विश्वविद्यालय तिरुपति १३- २००८ महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन १४- २०११ कर्नाटक संस्कृत विश्वविद्यालय बंगलुरु १५- २०११ कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत एवं पुरातन अध्ययन विश्वविद्यालय नलबाड़ी १६- २०१५ श्रीराम संस्कृत महाविद्यालय (प्रा. श्री. अतुल तरटे सर) नासिक १...

संस्कृत की प्रसिद्ध लोकोक्तियाँ*

🌸  *संस्कृतं संस्कृतेर्मूलम्*  🌸 🍁 * संस्कृत की प्रसिद्ध लोकोक्तियाँ* 🍁 *1. संघे शक्ति: कलौ युगे। – एकता में बल है।* *2. अविवेक: परमापदां पद्म। – अज्ञानता विपत्ति का घर है।* *3. कालस्य कुटिला गति:। – विपत्ति अकेले नहीं आती।* *4. अल्पविद्या भयंकरी। – नीम हकीम खतरे जान।* *5. बह्वारम्भे लघुक्रिया। – खोदा पहाड़ निकली चुहिया।* *6. वरमद्य कपोत: श्वो मयूरात। – नौ नगद न तेरह उधार।* *7. वीरभोग्य वसुन्धरा। – जिकसी लाठी उसकी भैंस।* *8. शठे शाठ्यं समाचरेत् – जैसे को तैसा।* *9. दूरस्था: पर्वता: रम्या:। – दूर के ढोल सुहावने लगते हैं।* *10. बली बलं वेत्ति न तु निर्बल : जौहर की गति जौहर जाने।* *11. अतिदर्पे हता लंका। – घमंडी का सिर नीचा।* *12. अर्धो घटो घोषमुपैति नूनम्। – थोथा चना बाजे घना।* *13. कष्ट खलु पराश्रय:। – पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं।* *14. क्षते क्षारप्रक्षेप:। – जले पर नमक छिड़कना।* *15. विषकुम्भं पयोमुखम। – तन के उजले मन के काले।* *16. जलबिन्दुनिपातेन क्रमश: पूर्यते घट:। – बूँद-बूँद घड़ा भरता है।* *17. गत: कालो न आयाति। – गया वक्त हाथ नहीं आता।* *18. पय: पानं भुजङ्गानां केवलं ...

अथ मंगलाचरणम्🌻

*मंगलाचरण* 1--   *कठोपनिषद्* ऊँ सह नाववतु ।सह नौ भुनक्तु ।सह वीर्य करवावहै।तेजस्वी नावधीतमस्तु ।मा विदिषावहै । ऊँ शान्तिः !शान्तिः!!शान्तिः!!! *(ऊँ शब्द परब्रहा का वाचक है ।अतएव मांगलिक है*) 2-- *अभिज्ञानशाकुन्तलम्* या सृष्टिः====वस्ताभिरिष्टाभीरीशः।।---स्रग्धरा छन्द ,, अनुप्रास एंव समासोक्ति अलंकार , *आशीर्वादात्मक* मंगलाचरण , अष्टमूर्ति भगवान *शिव* की स्तुति ।अष्टपदात्मिका पत्रलवी नामक नान्दी। 3- *कादम्बरी* रजोजुषे  जन्मनि सत्ववृत्तये स्थितौ प्रजानां प्रलये तमः स्पृशे। अजाय सर्गस्थितनाशहेतवे त्रयीमयाय त्रिगुणात्मने नमः।। *नमस्कारात्मक* मंगलाचरण , त्रिगुणमय परब्रहा की स्तुति , *वंशस्थ छन्द* 4- *किरातार्जुनीयम्* श्रियः कुरुणामधिपस्य=====दैतवने वनेचरः।। *वस्तुनिर्देशात्मक* मंगलाचरण लक्ष्मी की स्तुति , *वंशस्थ* छन्द। 5- *उत्तररामचरितम्*  इदं कविभ्यः पूर्वेभ्यो नमोवाकं प्रशास्महे।विन्देम देवतां वाचममृतामात्मनः।। *नमस्कारात्मक* मंगलाचरण स्तुति *सरस्वती(वाक् देवी)* द्वादश पद नान्दी का प्रयोग , *पथ्यावक्त्र* छन्द , *श्लेष* अलंकार। 6-- *शिशुपालवधम्* श्रियः पतिः===गर्भाड्गभु...

क्यों ? संस्कृत?

क्यों पढ़ाई जानी चाहिए बच्चों को संस्कृत? आयरलैंड के डबलिन में जॉन स्कॉटस सीनियर स्कूल के संस्कृत शिक्षक रटगर कोर्टेनहोस्र्ट का सम्बोधन जो भारतीय धरोहर पत्रिका में वर्ष 2015 में प्रकाशित हुआ है -  देवियों और सज्जनों, हम यहां एक घंटे तक साथ मिल कर यह चर्चा करेंगे कि जॉन स्कॉट्टस विद्यालय में आपके बच्चे को संस्कृत क्यों पढऩा चाहिए? मेरा दावा है कि इस घंटे के पूरे होने तक आप इस निष्कर्ष पर पहुंचेंगे कि आपका बालक भाग्यशाली है जो संस्कृत जैसी असाधारण भाषा उसके पाठ्यक्रम का हिस्सा है। सबसे पहले हम यह विचार करते हैं कि संस्कृत क्यों पढ़ाई जाए? आयरलैंड में संस्कृत को पाठ्यक्रम में शामिल करने वाले हम पहले विद्यालय हैं। ग्रेट ब्रिटेन और विश्व के अन्य हिस्सों में जॉन स्काट्टस के 80 विद्यालय चलते जहां संस्कृत को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। दूसरा सवाल है कि संस्कृत पढ़ाई कैसे जाती है? आपने ध्यान दिया होगा कि आपका बच्चा विद्यालय से घर लौटते समय कार में बैठे हुए मस्ती में संस्कृत व्याकरण पर आधारित गाने गाता होगा। मैं आपको बताना चाहूंगा कि भारत में अध्ययन करने के समय से लेकर आज तक संस्कृत पढ़...

विषय- कवियों की उपाधियां एवं उपनाम ।

📚📚 *विषय- कवियों की उपाधियां एवं उपनाम ।*  1. *वाग्देवतावतार* की उपाधि से जाने जाते हैं- उत्तर- *आचार्य मम्मट*     2. *कविताकामिनीहास* उपाधि से जाने जाते हैं- उत्तर- *भास*   3. *कलिकालसर्वज्ञ* उपाधि से जाने जाते हैं-  उत्तर- *हेमचंद्र सूरि*  4. *वररुचि* उपनाम से जाने जाते हैं-  उत्तर- *कात्यायन*  5. *आतपत्र* की उपाधि से जाने जाते हैं-  उत्तर- *भारवि*  6. *कोलाचल* उपाधि से जाने जाते हैं-  उत्तर- *मल्लिनाथ*   7. *पीयूषवर्ष* उपाधि से जाने जाते हैं-  उत्तर- *जयदेव*   8. *अभिनवबाण* की उपाधि से जाने जाते हैं-  उत्तर- *अंबिकादत्त व्यास*   9. *श्रीकण्ठपदलाञ्छन:* उपाधि से जाने जाते हैं-  उत्तर- *भवभूति*   10. *कविताकाननकेसरी* की उपाधि से विभूषित हैं-  उत्तर- *बाणभट्ट*   11. *आदिकवि* की उपाधि से विभूषित हैं-  उत्तर- *वाल्मीकि*  12. *कविताकामिनीविलास* की उपाधि पाने वाले कवि हैं-  उत्तर- *महाकवि कालिदास*  13. *व्यास* की उपाधि धारक कवि हैं- ...

रचनाकार संग्रह

कवि(रचनाकार)         ग्रन्थ नाम १ कुमारदास              जानकीहरणं २ भारवि              किरातार्जुनीयम् ३ माघ                  शिशुपालवधम् ४ रत्नाकर          हरविजयमहाकाव्यम् ५ शिवस्वामी        कप्फनाभ्युदयम् ६ क्षेमेन्द्र          दशावतारचरितम् ७ मङ्खक         श्रीकण्ठाचरितम् ८ वाक्पतिराज      गोउडवहो ९ पद्मगुप्त          नवसाहसाङ्कचरितम् १० बिल्हण        विक्रमाङ्कदेवचरितम् ११ कल्हण         राजतरङ्गिणी १२ सोमेश्वर        कीर्तिकौमुदीचरितम् १३ भर्तृहरि         शतकत्रयम् १४ अप्पयदीक्षितः    कुवलयानन्दः १५ भोजराज      सरस्वतीकण्ठाभरणम् १६ धनञजय      दशरुपकम् १७ अभिनवगुप्त    ध्वन्य...

हिन्दुओ सावधान! नकली शंकराचार्य से बचें*

*हिन्दुओ सावधान! नकली शंकराचार्य से बचें* *मीडिया में दिखाई देने वाले नकली शंकराचार्य की लिस्ट* १.अधोक्षजानंद(पूरी मठ पर अवैध कब्जा करने की चेष्टा करने वाला) २.वासुदेवानंद (कथित हिंदुत्ववादी सरकार द्वारा राममंदिर ट्रस्ट में लिया गया,ज्योतिर्मठ पर अवैध कब्जा करने वाला) ३.अच्युतानंद ४.माधवाश्रम ५.राजराजेश्वराश्रम ६. विश्वदेवानंदतीर्थ ७.नरेंद्रानंद ८.नागेंद्राश्रम ९. ओमकारानंद १०.नृसिंह भारती इन दस को मिलाकर कुल 282 के आसपास नकली शंकराचार्य घूम रहे है। *समस्त भारतवर्ष की जानकारी हेतु* *शंकराचार्य केवल चार ही है* - पूर्व गोवर्धन मठ - श्रीमज्जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी - पश्चिम शारदा मठ - श्रीमज्जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी - उत्तर जोशी मठ - श्रीमज्जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी - दक्षिण श्रृंगेरी मठ - श्री भारती तीर्थ महास्वामी जी आज कल *सेकड़ो फर्जी शंकराचार्य*  अपने नाम के आगे शंकराचार्य लिख के घूम रहे है तो बच के रहे इन पाखंडियो से मुख्य 4 पीठ के 4 शंकराचार्य ही है इनके अलावा कोई पांचवे शंकराचार्य नहीं है, अगर कोई ऐसा दावा करता है या करती है तो उस प...